प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिचय:
प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाना ज़िले के वडनगर कस्बे में हुआ। वे एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे, जहाँ मोदी बचपन में उनकी मदद करते थे। कठिन परिस्थितियों में पले-बढ़े मोदी ने अपने जीवन में अनुशासन और मेहनत को अपनाया।
प्रारंभिक शिक्षा और आरएसएस से जुड़ाव
मोदी ने वडनगर से स्कूली शिक्षा पूरी की। बचपन से ही वे राष्ट्रसेवा की ओर आकर्षित थे। युवावस्था में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और धीरे-धीरे संघ के प्रचारक बने। संघ में काम करते हुए उन्होंने संगठन, अनुशासन और नेतृत्व की कला सीखी।

राजनीतिक करियर की शुरुआत
1980 के दशक में नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े।
उन्होंने पार्टी संगठन में काम करते हुए कई चुनावों की रणनीति बनाई।
1990 के दशक में वे बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर पर जाने-पहचाने नेता बन गए।
उनकी रणनीतिक क्षमता ने उन्हें जल्दी ही पार्टी में विशेष स्थान दिला दिया।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका :
नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। उस समय गुजरात भूकंप और अन्य चुनौतियों से जूझ रहा था।
मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने तेज़ी से विकास किया।
“वाइब्रेंट गुजरात समिट” के माध्यम से विदेशी निवेश आकर्षित किया।
बिजली, सड़क और औद्योगिक विकास में राज्य ने नई ऊँचाइयाँ हासिल कीं।
हालाँकि 2002 के गुजरात दंगों को लेकर मोदी की आलोचना भी हुई, लेकिन उसके बाद उन्होंने “विकास पुरुष” की छवि बनाई।
भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर
2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया।
उनके नेतृत्व में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की और पहली बार अपने दम पर बहुमत प्राप्त किया।
मोदी भारत के 15वें प्रधानमंत्री बने।
2019 में उन्होंने और बड़ी जीत दर्ज की और दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख योजनाएँ :
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने कई महत्वाकांक्षी योजनाएँ शुरू कीं:
स्वच्छ भारत अभियान (2014) – देश को स्वच्छ बनाने और खुले में शौच की प्रथा समाप्त करने के लिए।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (2014) – गरीबों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराना।
मेक इन इंडिया (2014) – देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की पहल।
डिजिटल इंडिया (2015) – इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं को हर गाँव तक पहुँचाना।
उज्ज्वला योजना (2016) – गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन।
आयुष्मान भारत योजना (2018) – गरीबों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना।
आत्मनिर्भर भारत अभियान (2020) – कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने की पहल।
विदेश नीति और वैश्विक पहचान
नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश नीति से भारत की छवि को मजबूत किया।
अमेरिका, जापान, फ्रांस और रूस जैसे देशों के साथ भारत के संबंध बेहतर हुए।
संयुक्त राष्ट्र, G20 और BRICS जैसे मंचों पर भारत की भूमिका अहम बनी।
“इंटरनेशनल योग दिवस” को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाना उनकी बड़ी उपलब्धि है।
नेतृत्व शैली और लोकप्रियता
मोदी अपने प्रभावशाली भाषणों, निर्णायक फैसलों और जनता से सीधे जुड़ाव के लिए मशहूर हैं।
वे सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं।
“मन की बात” कार्यक्रम से वे सीधे जनता से संवाद करते हैं।
युवाओं में उनकी लोकप्रियता विशेष रूप से अधिक है।
आलोचना और विवाद
जहाँ एक ओर मोदी को अपार समर्थन मिला, वहीं कुछ फैसलों की आलोचना भी हुई:
नोटबंदी (2016) – काले धन के खिलाफ कदम बताया गया, लेकिन इसकी सफलता पर बहस होती रही।
कृषि कानून (2020) – किसानों के विरोध के कारण इन्हें वापस लेना पड़ा।
विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार में लोकतांत्रिक संस्थाएँ कमजोर हुई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव ;
मोदी ने न केवल भारतीय राजनीति बल्कि आम नागरिकों के जीवन को भी प्रभावित किया है।
उन्होंने भारतीय राजनीति में “एकल नेता” वाली संस्कृति को मजबूत किया।
उनकी योजनाओं ने ग्रामीण भारत और गरीब वर्ग तक सीधे असर पहुँचाया।
आज वे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं।
निष्कर्ष :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन संघर्ष, अनुशासन और दूरदृष्टि का प्रतीक है। एक साधारण चाय बेचने वाले से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर प्रेरणादायक है। उनकी नीतियों और योजनाओं ने भारत को नई दिशा दी है। हालाँकि आलोचनाएँ भी हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि नरेंद्र मोदी ने भारत की राजनीति और समाज पर गहरा असर डाला है।