Navratri Day 6 2025 in Hindi : छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा का महत्व, तिथि, पूजा विधि और लाभ

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Navratri Day 6 2025 in Hindi :

नवरात्रि 2025 का छठा दिन कब है?

  • तिथि: 27  सितंबर 2025, सोमवार

  • पर्व: नवरात्रि का छठा दिन (षष्ठी तिथि)

  • देवी स्वरूप: माँ कात्यायनी

नवरात्रि का छठा दिन माँ दुर्गा के छठे स्वरूप, माँ कात्यायनी को समर्पित होता है। इस दिन भक्तगण पूरे श्रद्धा भाव से देवी की पूजा करते हैं और उनसे शक्ति, साहस और विवाह संबंधी बाधाओं से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।

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Navratri Day 6 2025 in Hindi

 माँ कात्यायनी का स्वरूप

माँ कात्यायनी का रूप अत्यंत तेजस्वी और दिव्य है।

  • इनके चार हाथ हैं।

    • दाहिने ऊपर का हाथ अभय मुद्रा में

    • दाहिने नीचे का हाथ वर मुद्रा में

    • बाएँ ऊपर के हाथ में तलवार

    • बाएँ नीचे के हाथ में कमल पुष्प

  • इनका वाहन सिंह है, जो वीरता और पराक्रम का प्रतीक है।

माँ का स्वरूप यह संदेश देता है कि भक्त को निडर रहकर धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।

 पूजा विधि (Navratri Day 6 Puja Vidhi 2025)

माँ कात्यायनी की पूजा विशेष विधि से की जाती है।

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र धारण करें।

  2. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।

  3. माँ कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

  4. लाल फूल, रोली, अक्षत, चंदन, दीपक और धूप अर्पित करें।

  5. माँ को शहद, मिश्री और मालपुए का भोग लगाएँ।

  6. दुर्गा सप्तशती का षष्ठ अध्याय पढ़ें।

  7. “ॐ कात्यायन्यै नमः” मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।

  8. अंत में माँ की आरती करें और सभी को प्रसाद बाँटें।

 

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 माँ कात्यायनी की आराधना से मिलने वाले लाभ

  • विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।

  • योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

  • शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

  • साहस, आत्मबल और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।

  • ग्रह दोष और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

  • संतान सुख और घर में सुख-शांति आती है।

 विशेष महत्व

माँ कात्यायनी की पूजा कन्याओं के विवाह योग को शीघ्र फलदायी बनाने के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। ब्रज क्षेत्र में तो इसे “कात्यायनी व्रत” के रूप में विशेष महत्व दिया गया है। माना जाता है कि जिन कन्याओं को विवाह में कठिनाइयाँ आ रही हों, वे माँ कात्यायनी की आराधना करें तो विवाह संबंधी सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं।

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 नवरात्रि छठे दिन की कथा(Navratri Day 6 2025 in Hindi):

पुराणों के अनुसार, ऋषि कात्यायन ने माँ दुर्गा की कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माँ ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया। इसी कारण देवी का नाम कात्यायनी पड़ा।
मान्यता है कि माँ कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्त किया था। इसीलिए इन्हें शक्ति और वीरता की देवी माना जाता है।

 व्रत और उपवास का महत्व

नवरात्रि के छठे दिन उपवास रखने वाले भक्तों को फल की प्राप्ति शीघ्र होती है। इस दिन व्रत रखकर माँ कात्यायनी की पूजा करने से जीवन की हर समस्या दूर होती है और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

छठे दिन का रंग – ग्रे (धूसर)

नवरात्रि के छठे दिन का रंग ग्रे (धूसर) माना जाता है। यह रंग संतुलन और शांति का प्रतीक है। भक्त इस दिन ग्रे रंग के वस्त्र धारण कर माँ की पूजा करें तो विशेष शुभ फल प्राप्त होता है।

 नवरात्रि 2025 (Day 6) – संक्षेप में

  • देवी स्वरूप: माँ कात्यायनी

  • तिथि: 27 सितंबर 2025, सोमवार

  • रंग: ग्रे (धूसर)

  • विशेष भोग: शहद, मालपुआ, मिश्री

  • मंत्र: “ॐ कात्यायन्यै नमः”

  • लाभ: विवाह बाधा दूर होना, साहस व शक्ति प्राप्ति

 निष्कर्ष(Navratri Day 6 2025 in Hindi):

नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भक्तजन इस दिन श्रद्धा भाव से पूजा करें तो उन्हें शक्ति, साहस, आत्मबल और वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होती है। माँ कात्यायनी का आशीर्वाद जीवन की हर कठिनाई को दूर कर देता है।

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