Dhanteras 2025:
धनतेरस दिवाली महोत्सव का पहला और सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन घर में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की वृद्धि के लिए पूजा और खरीदारी की जाती है। इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है।
👉 धनतेरस 2025 शनिवार , 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।

Dhanteras 2025 की तिथि और मुहूर्त
- तारीख:शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
- त्रयोदशी तिथि: 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे से 19 अक्टूबर 1:51 बजे तक
- पुजा मुहूर्त: शाम 7:31 बजे से 8:28 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 5:59 बजे से 8:28 बजे तक
- वृषभ काल (अत्यंत शुभ): शाम 7:31 बजे से 9:29 बजे तक
यह समय नई दिल्ली के पंचांग के अनुसार है और भारत के अन्य हिस्सों में भी लगभग यही मुहूर्त होते हैं।
धनतेरस का महत्व
धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन स्वास्थ्य और आयुर्वेद का विशेष महत्व है।
धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है।
धन्वंतरि देव की पूजा से स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायु प्राप्त होती है।
इस दिन नई वस्तुएँ खरीदने से धन की वृद्धि होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
धनतेरस पूजा विधि
पूजा सामग्री
भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की प्रतिमा/चित्र
दीपक, धूपबत्ती, चंदन
फूल (विशेषकर गुलाब और गेंदे के)
कलश और जल
नए खरीदे हुए सामान
मिठाई, फल और पंचामृत
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पूजा विधि
घर को अच्छी तरह से साफ कर सजाएँ।
शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करें और उसमें जल भरें।
दीपक जलाकर मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि का आह्वान करें।
फूल, चावल, मिठाई और नए खरीदे सामान को अर्पित करें।
परिवार सहित लक्ष्मी मंत्र और धन्वंतरि मंत्र का जाप करें।
अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।
धनतेरस पर शुभ खरीदारी
धनतेरस पर खरीदारी को धन वृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।
क्या खरीदें?
सोना और चांदी – सिक्के, गहने, बर्तन
पीतल और तांबे के बर्तन – पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं
मिट्टी के दीपक और मूर्तियाँ – घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं
धन्वंतरि और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा – पूजा में उपयोगी
झाड़ू – माना जाता है कि यह घर की दरिद्रता को दूर करता है
क्या न खरीदें?
काला रंग का सामान
लोहे की वस्तुएँ
टूटा-फूटा या पुराना सामान
धनतेरस का महत्व:
धनतेरस का पर्व मुख्य रूप से भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि इसी दिन समुद्र मंथन से अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसी कारण से इसे स्वास्थ्य और आयु का प्रतीक भी माना जाता है। लोग इस दिन घर की सफाई करते हैं, नए बर्तन, सोना, चांदी और अन्य कीमती वस्तुएँ खरीदते हैं और दीपक जलाकर सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करते हैं।
सांस्कृतिक महत्व
भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं।
व्यापारी वर्ग इस दिन नए खाता-बही की पूजा करता है और नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसान नए औजार और उपकरण खरीदते हैं।
धनतेरस पर पूजा और परंपराएँ:
- धन की खरीदारी: धनतेरस पर सोना, चांदी और अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि इससे घर में लक्ष्मी माता का वास होता है और समृद्धि बनी रहती है।
- घर की सफाई और सजावट: इस दिन घर को अच्छे से साफ करना और रंगोली, दीपक और फूलों से सजाना शुभ माना जाता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रवेश होता है।
- धन्वंतरि पूजा: भगवान धन्वंतरि की पूजा विशेष रूप से की जाती है। स्वास्थ्य, आयु और रोगों से मुक्ति के लिए उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए लोग व्रत और हवन करते हैं।
- यम दीपक: यमराज के लिए दीपक जलाने की परंपरा भी धनतेरस से जुड़ी हुई है। इसे यम दीपक कहा जाता है और यह लंबी उम्र और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस 2025 के लिए विशेष सुझाव :
- सवेरे पूजा करें: दिन के उजाले में पूजा करना अधिक फलदायक माना जाता है।
- सफाई और सजावट: पूजा से पहले घर को अच्छे से साफ करना और दीपक सजाना शुभ है।
- धन और स्वास्थ्य का संतुलन: केवल धन की नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और परिवार की सुरक्षा के लिए भी ध्यान दें।
- दान और सहायता: जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष:
Dhanteras 2025 (18 अक्टूबर 2025, शनिवार) को पूरे भारत में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करें और सोना-चांदी या धातु की वस्तुओं की खरीदारी करें। मान्यता है कि इससे घर में धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है।